केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट में सोमवार को कृषि सेक्टर के लिए कई अहम ऐलान किए।

वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट पेश कर रहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि सेक्टर के लिए एग्रीकल्चरल क्रेडिट टारगेट (कृषि ऋण लक्ष्य) और अधिक बढ़ाए जाने की जानकारी दी। साथ ही  वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार किसानों की बेहतरी के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए बताया कि 2021-22 में किसानों को अधिक कृषि ऋण उपलब्‍ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि पिछली बार यह 15 लाख करोड़ रुपये का था।
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सभी फसलों पर उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना अधिक एमएसपी दी जा रही है। उन्होंने कहा, ''हमने किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये ज्यादा दिए हैं। किसानों को दिए जाने वाले भुगतानों में भी तेजी की गई है।'' उन्होंने बताया की गेहूं पर  2013-14 में गेहूं किसानों को कुल 33 हजार 874 करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा बढ़कर 62 हजार करोड़ से ज्यादा हो गया। 2020-21 के दौरान भी इसमें इजाफा हुआ और यह आंकड़ा बढ़कर 75 हजार 50 करोड़ हो गया। इससे 43.36 लाख किसानों को फायदा हुआ है और दालों के लिए  10,503 करोड़ का भुगतान हुआ है। धान की भुगतान राशि 1,72,752 करोड़ होने का अनुमान है। इसके अलावा, सरकार कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट में 22 और उत्पादों को शामिल करेगी। 

देश में बनेंगे पांच प्रमुख फिशिंग हब
केंद्रीय बजट 2021-2022 पेश करते हुए उन्होंने ऑपरेशन पांच प्रमुख फिशिंग हब बनाने की घोषणा की जो आने वाले समय के लिए बहुत बड़ी योजना हो सकती है।

‘ऑपरेशन ग्रीन स्कीम’ 
कृषि और संबद्ध उत्पादों के मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने और उसके निर्यात को बढ़ाने के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन स्कीम’ में बताया कि ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के तहत 22 जल्दी नष्ट होने वाली सब्जियां शामिल होंगी। 
जो इस समय केवल टमाटर, प्याज और आलू पर लागू है, के दायरे को बढ़ाकर इसमें जल्दी खराब होने वाले 22 और उत्पादों को शामिल किया जाएगा।
कृषकों को लाभ पहुंचाने के लिए कपास पर सीमा शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 10% और कच्चा रेशम ओर रेशम सूत पर 10% से बढ़ाकर 15% कर दिया गया है।
कृषि के काम आने वाली मशीनों पर भी टैक्स को कम कर उन्हें सस्ता करने का प्रयास किया गया है।
इसके अलावा 
1,000 और मंडियों को इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय बाजार से जोड़ा जाएगा
माइक्रो इरिगेशन फंड को दोगुना कर 10,000 करोड़ रुपये किया जाएगा
एग्रीकल्चर इंफ्रा फंड को बढ़ाकर 40 हजार करोड़ किया जाएगा।
नाबार्ड के अंतर्गत 5,000 करोड़ रुपये से एक माइक्रो इरिगेशन फंड स्थापित किया गया है। इस बजट में इस फंड में 5,000 करोड़ रुपये और मिलाकर इसे दुगुना कर दिया गया है।
कुछ अन्य भी घोषणा बजट में देखने को मिली कुछ ऐसी पुरगामी योजना में बढ़ोतरी के आसार थे एंव किसानों की उम्मीद थी किन्तु उन्ही योजना को यथावत रखा है।


- पवन सारस्वत मुकलावा
कृषि एंव स्वंतत्र लेखक 
सदस्य लेखक , मरुभूमि राइटर्स फोरम जोधपुर

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