पुलवामा अटैक: 14 फरवरी का दिन दुःखद ,स्वर्ग जैसी धरती हुई थी खून से लहूलुहान

14 फरवरी, यह तारीख कभी भूली नहीं जा सकती है। क्योंकि किसी ने कभी सोचा नही होगा सुबह से शाम तक क्या हो जाएगा ।
क्योंकि जब पूरे विश्व में ओर भारत मे प्यार ओर मोहब्बत का जश्न मनाया जा रहा था ओर एक तरफ देश में प्रेमी जोड़े 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मना रहे थे। उस वक्त हिन्दुस्तान के जम्मू-कश्मीर में कुछ बड़ा हुआ था ।
आतंकवादियों ने दिल को दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया था। वहीं दूसरी तरफ स्वर्ग जैसी धरती जवानों के खून से लहू-लुहान हो गई थी।
आज ही के दिन साल 2019 की 14 फरवरी को सुबह आम ही थी लेकिन दोपहर काली रही। 
तारीख 14 फरवरी, यानी आज ही के दिन वार गुरुवार को 78 बसों में 2547 जवानों का काफिला जम्‍मू से श्रीनगर जा रहा था और इसकी जानकारी न जाने कहां से आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को लग गई। क्योंकि इसी संगठन ने फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली थी। 
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में इसी सीआरपीएफ की बटालियन पर फिदायीन हमला हुआ। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए ओर देश के कोने कोने में 40 घर एक साथ वीरान हो गए।
बहादुर जवानों का शव सड़कों पर बिखरा पड़ा था, बसें खून से सनी हुईं थीं। सड़के खून से सनी पड़ी थी ।
जवानों की शहादत से पूरे देश में शोक की लहर हो गई थी। हमले के बाद की तस्वीर दिल को दहला देने वाली थी। धमाके का काला धुआं हटा और सामने हमारे देश का अभिमान, हमारे जवानों के क्षत-विक्षत शव धरती पर पड़े थे।
इस घटना से कई घरों के चिराग बुझ गए, कई सुहागनों की मांग सूनी हो गईं, किसी का बेटा तो किसी का पिता किसी का बहन का भाई उनसे सदा के लिए दूर हो गया। शहीद होने की खबर मिलने के बाद जवानों के घरों में दहाड़ मारती चीखें सुनाई दे रही थीं। माँ बहनों का बुरा हाल था , पुलवामा की आतंकी घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। हर तरफ देश के लोगों का गुस्सा 7 वें आसमान पर था। जबकि कई के घरों में चूल्हे तक नहीं जले थे।
बुरा देश एक साथ रो रहा था , पूरे भारतवर्ष का गुस्सा पाकिस्तान पर था क्योंकि हमले के तार पाकिस्तान स्थित इस्लामी आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे। इस हमले की जिम्मेदारी भी जैश-ए-मोहम्मद संगठन ने ही ली थी। हमला करने वाला आदिल डार ने विस्फोटक से भरे वाहन से सीआरपीएफ के काफिले की गाड़ी को टक्कर मार दी थी। जिसके बाद जोरदार धमाका हुआ था। धमाके की आवाज कई किलो मीटर तक सुनाई थी करीब 300 kg विस्फोटक से हमला किया गया था ,पाक की यह नापाक हरकत पूरे विश्व के सामने आ गयी थी ।
 
जल्द ही लिया गया शहादत का बदला

आतंकी हमले के बाद भारत भी चुप नही बैठने वाला था और न ही भारत की केंद्र सरकार पुलवामा हमले के लगभग 12 दिन बाद भारत ने एक ऐसा बड़ा कदम उठाया था जिसकी दुनिया ने अपेक्षा भी नहीं की थी ओर ना कभी सोचा था , 26 फरवरी की सुबह भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान में बालाकोट के खैबर पख्तून में स्थित आतंकियों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक करके उन्हें नष्ट कर दिया था। इस हमले में लगभग 300 आतंकवादियों को मौत हुई थी।
हमला करने से पहले सेना ने ये सुनिश्चित कर लिया की हमला सिर्फ आतंकवादियों पे ही हो । हुआ भी यही था इस हमले में केवल आतंकियों की ही मौत हुई थी। बता दें कि देश अपने जवानों की शहादत को कभी नहीं भुला सकता है लेकिन बालाकोट एयरस्ट्राइक ने देशवासियों के अभिमान पर लगी चोट पर मरहम लगाने का काम जरूर किया था।
आज भी पुलवामा अटैक के उस मंजर को याद कर हर किसी की आंखे नम हो जाती है। वीर शहीदों की शहादत को आज भी पूरा देश नमन करता है।
वीर जवानों को नम आंखों श्रंद्धाजलि।
ॐ शान्ति



- पवन सारस्वत मुकलावा
कृषि एंव स्वंतत्र लेखक
सदस्य लेखक , मरुभूमि राइटर्स फोरम

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