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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्र साधना के 96 वर्ष

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विजयादशमी : संघ स्थापना दिवस विशेष राष्ट्र को परमवैभव पर ले जाने के जिस उद्देश्य को लेकर विजयादशमी के दिन नागपुर में प्रखर राष्ट्रवाद की भावना से ओतप्रोत डा. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी, वह संघ आज अपनी विकास यात्रा के 96 वर्ष पूर्ण कर चुका है , नागपुर से शुरू हुआ संघ विशाल वटवृक्ष का रूप धारण कर चुका है। इस वटवृक्ष की छांव में भारत की संस्कृति और परम्परा पुष्पित पल्लवित हो रही है। आज विभिन्न संगठन विविध क्षेत्रों में संघ से प्रेरणा लेकर कार्य कर रहे हैं, विविध क्षेत्रों में कार्य करने वाले संघ के आनुषांगिक संगठन विश्व के शीर्ष संगठनों में शुमार हैं, विजयादशमी के दिन स्थापित संघ के स्वयंसेवक आज भारत के कोने-कोने में देश-प्रेम, समाज-सेवा, हिन्दू-जागरण और राष्ट्रीय चेतना की अलख जगा रहे हैं। भारत की सर्वांग स्वतंत्रता, सर्वांग सुरक्षा और सर्वांग विकास के लिए संघ सन् 1925 से बिना रुके और बिना झुके कार्य कर रहा है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज अपरिचित नाम नहीं है ,भारत में ही नहीं, विश्वभर में संघ के स्वयंसेवक फैले हुए हैं। भारत में विभिन्न स

सादगी की प्रतिमूर्ति थे ,लाल बहादुर शास्त्री

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सादगी की प्रतिमूर्ति थे ,लाल बहादुर शास्त्री

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जन्म जयंती विशेष   2 अक्टूबर के दिन देश की राजनीति के अधिकांश नेता जिनको याद करना भूल जाते है आरोप-प्रत्यारोप करने वाले नेतागण उस महान शख्स की महानता को नहीं समझ सकते जिन्होंने प्रधानमंत्री पद पर होते हुए भी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कभी किसी गलत कार्य से नहीं की ,ऐसे महान शख्स का नाम है लाल बहादुर शास्त्री जिनका जन्म आज ही के दिन 2 अक्टूबर, 1904 को एक सामान्य निम्नवर्गीय परिवार में हुआ था। भारतीय राजनीति में लाल बहादुर शास्त्री का नाम अगर स्वर्णाक्षरों से लिखे जाए तो कोई अतिश्योक्ति नही है ,पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री सादा जीवन और उच्च विचार रखने वाले व्यक्तित्व थे. उनका पूरा जीवन हर व्यक्ति के लिए अनुकरणीय है। एक गरीब स्कूल शिक्षक के सुपुत्र व कम उम्र में ही अनाथ हो जाने वाले शास्त्री ने गरीबी में जीवन गुज़ारा ,इसीलिए उन्हें जनता की ज़रूरतों, उनके दुखों व कष्टों का अच्छे से भान था. शास्त्री अनवरत् जूझने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जिन्होंने नौ साल अंग्रेजो की जेल में गुज़ारे थे. वे बेहद प्रतिभाशाली व्यक्ति थे, उत्साह, उमंग व जोश से भरे, अपने लक्