अब पुजारी जी की घटना पे हर कोई शांत क्यो , कांग्रेस की गंदी राजनीति

राजस्थान के करौली जिले में राधा गोविन्द मंदिर के 50 वर्षीय पुजारी बाबूलाल वैष्णव को एक भू-माफिया और उसके साथियों ने बृहस्पतिवार (अक्टूबर 08, 2020) को जिन्दा जला दिया। पुजारी को इस घटना के बाद जयपुर के SMS अस्पताल में भर्ती कराया गया था उनकी मौत हो गई। 
पुजारी जी को 6 लोगों ने पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया। दरअसल, पुजारी ने भू-माफियाओं को मंदिर की इस जमीन पर अतिक्रमण करने से रोकने का प्रयास किया था, जिसके बदले पुजारी को अपनी जान गँवानी पड़ी।
क्यो जान गवानी पड़ी और किसलिए हुआ यह समझने की बात है ,क्या किसी पुजारी की ऐसे हत्या कर दी जाए और सिर्फ 10 लाख ओर सविंदा नोकरी पे न्याय मिल जाये सच तो यह वर्तमान राजस्थान सरकार के लिए यह इतना ही न्याय है ।
घटना होने के मुद्दे आज तक इतना समय हो गया जो छोटी छोटी घटनाओं पे जो गिद्ध राजनीति करते और हमेशा हर मुद्दे को दलित मुद्दे से जोड़ देने वाले लोगो मे अब तक आंख में एक आंसू नही छलका है ।
वह बॉलीवुड जो देश छोड़ने की धमकी देता ,इस देश मे रहने से उनको डर लगता है ,पहले महाराष्ट्र में हुई साधुओं की हत्या अब राजस्थान में हुई पुजारी की हत्या पे चुप्पी साध लेता है ,ओर साँप सूंघ जाता है।
देश के किसी भी कोने में दलित उत्पीड़न का मामला सामने आने पर हंगामा करने वाले संगठन और राजनीतिक दल भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। मानवता की दुहाई देने वाले भी घर से बाहर निकलने के तैयार नहीं हैं। इससे पहले किसी भी मामले में सामाजिक व्यवस्था को लानत भेजने वालों को नहीं दिख रहा है कि किस तरह अनुसूचित जाति के दबंगों ने गांववालों की पंचायत की भी नहीं सुनी और पुजारी को जिंदा जला देने का दुस्साहस किया है।
इधर कांग्रेस का दोगलापन चेहरा नजर आ रहा , हाथरस जैसी घटना पर राजनीति करने वाली कांग्रेस के मुखिया गांधी परिवार को अब यह सपोटरा की घटना नजर नही आ रही , क्योंकि वहाँ बीजेपी की सरकार थी यहाँ खुद की सरकार है ।
आखिर क्यों समाज को दया का पाठ पढ़ाने वाले साधू संतों पर कोई दया नहीं दिखाता. पालघर हो करौली हो या फिर यूपी का गोंडा, जो अभी घटना घटी है संतों पर हमला करने वालों ने जरा सी भी मानवता नहीं दिखाई देती ,
छोटी छोटी घटनाओं पे देश मे गिद्ध की तरह राजनीति करने वाली कांग्रेस ,पालघर और करौली मामले पर कांग्रेस के ट्वीट का इंतजार हर कोई कर रहा है. लोगों को न्याय दिलाने वाले का दावा करने वाली कांग्रेस अब तक अपने ही राज्यों में हुए हमलों पर न्याय नहीं दिला पाई है. ऐसे में सवाल खड़े होने लाजमी हैं ओर दोगलापन चेहरा नजर आ रहा है ।
ओर इस मामले पे कांग्रेस नेताओं की राजनीति देखे तो यह उनको साधु संतों की हत्या सामान्य घटना नजर आती है ।


- पवन सारस्वत मुकलावा
   कृषि लेखक 

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